Dil Jigar Ke Jaan Achcha Hai

फूल कहूँ, शबनम कहूँ
खुशबू कहूँ, मौसम कहूँ
उसका नाम क्या होगा?
मैं उसे क्या कहूँ?

दिल, जिगर, के जान अच्छा है?
या, जानाँ, जानम अच्छा है?
मेरे सनम, तेरे लिए कौन सा नाम अच्छा है?

दिल, जिगर, के जान अच्छा है?
या, जानाँ, जानम अच्छा है?
मेरे सनम, तेरे लिए कौन सा नाम अच्छा है?
दिल, जिगर के जान अच्छा है?

अनगिनत रंग ख़यालों में छुपे रहते हैं, छुपे रहते हैं
कितने मौसम तेरे बालों में छुपे रहते हैं, छुपे रहते हैं
अनगिनत रंग ख़यालों में छुपे रहते हैं, छुपे रहते हैं
कितने मौसम तेरे बालो में छुपे रहते हैं, छुपे रहते हैं

नग़्मा, सरगम, ख़्वाब अच्छा है?
धूप, सहर या शाम अच्छा है?
तेरी ज़ुल्फ़ों के लिए कौन सा नाम अच्छा है?

दिल, जिगर, के जान अच्छा है?
या, जानाँ, जानम अच्छा है?
मेरे सनम, तेरे लिए कौन सा नाम अच्छा है?
दिल, जिगर के जान अच्छा है?

अपनी दुनिया, अपनी जन्नत, अब तो हमारे साथ में है
क्या कमी है? हाथ तुम्हारा आज हमारे हाथ में है
अपनी दुनिया, अपनी जन्नत, अब तो हमारे साथ में है
क्या कमी है? हाथ तुम्हारा आज हमारे हाथ में है

चाहत या पैग़ाम अच्छा है?
रास्ता, मंज़िल, मक़ाम अच्छा है?
तेरी बाँहों के लिए कौन सा नाम अच्छा सा?

दिल, जिगर, के जान अच्छा है?
या, जानाँ, जानम अच्छा है?
मेरे सनम, तेरे लिए कौन सा नाम अच्छा है?
दिल, जिगर के जान अच्छा है?



Credits
Writer(s): Anu Malik, Rahat Indori
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