Subah Se Lekar- Duet - From "Mohra"

हो, सुबह से लेकर शाम तक, शाम से लेकर रात तक
सुबह से लेकर शाम तक, शाम से लेकर रात तक
रात से लेकर सुबह तक, सुबह से फिर शाम तक
मुझे प्यार करो, ओ, मुझे प्यार करो
ओ, मुझे प्यार करो, मुझे प्यार करो

हो, शहर से लेकर गाँव तक, धूप से लेकर छाँव तक
शहर से लेकर गाँव तक, धूप से लेकर छाँव तक
सर से लेकर पाँव तक, दिल की सभी वफ़ाओं तक
मुझे प्यार करो, ओ, मुझे प्यार करो
ओ, मुझे प्यार करो, मुझे प्यार करो

हो, और पिया कुछ भी कर लो, लेकिन रखना याद
और पिया कुछ भी कर लो, लेकिन रखना याद
कुछ शादी से पहले, कुछ शादी के बाद

प्यार में अब इतनी शर्तें कौन रखेगा याद?
क्या शादी से पहले? क्या शादी के बाद?

हो, पास से लेकर दूर तक, दूर से लेकर पास तक
इन होंठों की प्यास तक, धरती से आकाश तक
मुझे प्यार करो, ओ, मुझे प्यार करो
ओ, मुझे प्यार करो, मुझे प्यार करो

हो, ऐसे कैसे हो सकता है पूरा-पूरा प्यार?
ऐसे कैसे हो सकता है पूरा-पूरा प्यार?
या खुल के इक़रार करो तुम, या खुल के इनकार

हो, मेरे गले में डाल के बाँहें कर लो बातें चार
इससे आगे करना पड़ेगा तुमको इंतज़ार

हो, सागर के इस आर से, सागर के उस पार तक
नज़रों की दीवार तक, प्यार से लेकर प्यार तक
मुझे प्यार करो, ओ, मुझे प्यार करो
ओ, मुझे प्यार करो, मुझे प्यार करो

हो, सुबह से लेकर शाम तक, शाम से लेकर रात तक
रात से लेकर सुबह तक, सुबह से फिर शाम तक
मुझे प्यार करो, ओ, मुझे प्यार करो
ओ, मुझे प्यार करो, मुझे प्यार करो



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Vijay Kalyanji Shah
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