Om Sai Ram (Part-Ii)

आसमाँ भी काँपा, ज़ुल्म हुआ वो धरती पर
डोली जिस की उठनी थी सोई है वो अर्थी पर
मुझे माफ़ करना मेरी बहनिया
बिदा कर ना पाया बना के दुल्हनिया

बहन की रक्षा करने का जिसने खुद भार संभाला
आग चिता में लगा रहा है हाथ ये राखी वाला
हाथ ये राखी वाला, हाथ ये राखी वाला



Credits
Writer(s): Indeevar
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