Tujhko Main Yeh Dile Barbad - 2

दर्द दे कर इसे क्यूँ
दर्द का एहसास दिया है, भगवन?
तू है पत्थर का तो
इस दिल को भी पत्थर का बनाया होता

तुझ को मैं, ऐ दिल-ए-बर्बाद, कहाँ ले जाऊँ?
तुझ को मैं, ऐ दिल-ए-बर्बाद, कहाँ ले जाऊँ?
उन का ग़म साथ ना छोड़ेगा, जहाँ ले जाऊँ

तुझ को मैं, ऐ दिल-ए-बर्बाद, कहाँ ले जाऊँ?
उन का ग़म साथ ना छोड़ेगा, जहाँ ले जाऊँ
तुझ को मैं, ऐ दिल-ए-बर्बाद

आसमाँ कोई नहीं
टूटे सितारों के
आसमाँ कोई नहीं टूटे सितारों के
कोई महफ़िल ही नहीं दर्द के मारों के लिए
किस की महफ़िल में तुझे, ऐ मेरी जाँ, ले जाऊँ?
तुझ को मैं, ऐ दिल-ए-बर्बाद, कहाँ ले जाऊँ?
उन का ग़म साथ ना छोड़ेगा, जहाँ ले जाऊँ

तुझ को मैं, ऐ दिल-ए-बर्बाद
ऐ दिल-ए-बर्बाद
ऐ दिल-ए-बर्बाद



Credits
Writer(s): Laxmikant-pyarelal, S.h. Bihari
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