Rasta To Mil Gaya Hai

रस्ता तो मिल गया है, मंज़िल को ढूँढ लूँगा
मैं क़त्ल होके अपने क़ातिल को ढूँढ लूँगा
रस्ता तो मिल गया है, मंज़िल को ढूँढ लूँगा
मैं क़त्ल होके अपने क़ातिल को ढूँढ लूँगा
रस्ता तो मिल गया है, मंज़िल को ढूँढ लूँगा

माना के मेरे दुश्मन चालाक तो हैं बड़े
तूफ़ान में घिरा मैं, साहिल पे वो खड़े हैं
माना के मेरे दुश्मन चालाक तो हैं बड़े
तूफ़ान में घिरा मैं, साहिल पे वो खड़े हैं
तूफ़ान में घिरा मैं, साहिल पे वो खड़े हैं

मैं डूब भी गया तो, मैं डूब भी गया तो...
मैं डूब भी गया तो साहिल को ढूँढ लूँगा

मैं क़त्ल होके अपने क़ातिल को ढूँढ लूँगा
रस्ता तो मिल गया है, मंज़िल को ढूँढ लूँगा

भूला नहीं है मुझको अब तक भी वो नज़ारा
इक शख़्स को किसी ने इस बुज़दिली से मारा
भूला नहीं है मुझको अब तक भी वो नज़ारा
इक शख़्स को किसी ने इस बुज़दिली से मारा
इक शख़्स को किसी ने इस बुज़दिली से मारा

परदे में वो छुपा है, परदे में वो छुपा है...
परदे में वो छुपा है, बुज़दिल को ढूँढ लूँगा

मैं क़त्ल होके अपने क़ातिल को ढूँढ लूँगा
रस्ता तो मिल गया है, मंज़िल को ढूँढ लूँगा

गुज़री है आज उनकी महलों से मेरी गलियाँ
वो चार रोज़ की है बस उनकी रंग-रलियाँ
गुज़री है आज उनकी महलों से मेरी गलियाँ
वो चार रोज़ की है बस उनकी रंग-रलियाँ
वो चार रोज़ की है बस उनकी रंग-रलियाँ

मैं अपने दुश्मनों की, मैं अपने दुश्मनों की...
मैं अपने दुश्मनों की महफ़िल को ढूँढ लूँगा

मैं क़त्ल होके अपने क़ातिल को ढूँढ लूँगा
रस्ता तो मिल गया है, मंज़िल को ढूँढ लूँगा
मैं क़त्ल होके अपने क़ातिल को ढूँढ लूँगा
रस्ता तो मिल गया है, मंज़िल को ढूँढ लूँगा



Credits
Writer(s): Anand Bakshi
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