Ik Mulaqaat Unplugged

मैं भी हूँ, तू भी है आमने-सामने
दिल को बहका दिया, इश्क़ के जाम ने

मैं भी हूँ, तू भी है आमने-सामने
दिल को बहका दिया, इश्क़ के जाम ने
मुसलसल नज़र बरसती रही
तरसते हैं हम भीगे बरसात में

हो, इक मुलाक़ात
इक मुलाक़ात में, बात ही बात में
उनका यूँ मुस्कुराना ग़ज़ब हो गया
कल तलक वो जो मेरे ख़यालों में थे
रूबरू उनका आना ग़ज़ब हो गया

मोहब्बत की पहली मुलाक़ात का
असर देखो ना जाने कब हो गया
इक मुलाक़ात में, बात ही बात में
उनका यूँ मुस्कुराना ग़ज़ब हो गया

हमसफ़र, हर सफ़र में तेरी ही कमी है
दिल तेरा ही तो है मेरे हद की ज़मीं
हमदर्द, तू दर्द से मेरे वाकिफ़ नहीं है
क़रीब आ, देख तू आँखों की नमी

क्यूँ खयालों में कुछ बर्फ़ सी गिर रही?
रेत की ख़्वाहिशों में नमी भर रही
मुसलसल नज़र बरसती रही
तरसते हैं हम भीगे बरसात में

हो, इक मुलाक़ात
इक मुलाक़ात में, बात ही बात में
उनका यूँ मुस्कुराना ग़ज़ब हो गया
कल तलक वो जो मेरे ख़यालों में थे
रूबरू उनका आना ग़ज़ब हो गया

मोहब्बत की पहली मुलाक़ात का
असर देखो ना जाने कब हो गया
इक मुलाक़ात... बात ही बात...
उनका यूँ मुस्कुराना ग़ज़ब हो गया



Credits
Writer(s): Meet Bros, Shabbir Ahmed
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