Chhod Diya Unplugged

जो तेरे बिन खाली था
वो तो मेरा ही दिल था
मैं थी मुसाफ़िर राह की तेरी
तुझ बिन मेरा था दायरा

मैं भी कभी थी मेहबर तेरी
खानाबदोश मैं अब ठहरी
खानाबदोश मैं अब ठहरी

छूती नहीं उन फूलों को
जिन फूलों में तेरी खुशबू ना हो
रूठ गई उन ख़्वाबों से
जिन ख़्वाबों में तेरा ख़्वाब ना हो

मैं शहर में तेरे थी ग़ैरों सी
मुझे अपना कोई ना मिला
मेरे लमहों से, मेरे ज़ख्मों से
अब तो मैं दूर चली

छोड़ दिया वो रास्ता
जिस रास्ते से तुम थे गुज़रे
तोड़ दिया वो आईना
जिस आईने में तेरा अक्स दिखे



Credits
Writer(s): Shabbir Ahmed, Kanika Kapoor, Raj Ashoo
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