Khel To Abb Shuru Hoga

तुरुप काट की तब होगी, दुश्मन तू जो भी सोचेगा
तुरुप काट की तब होगी, दुश्मन तू जो भी सोचेगा
हम मारेंगे टँगड़ी, जब वक्त बुरा तेरा होगा
तू जितना भी पापी है, जो होगा देखा जाएगा
उसका दाँव लगेगा जिसकी लाठी में दम होगा

धोखा है, धोखा, जो तूने है सोचा
सत्ते पे है सत्ता, बाज़ी पे किसका luck होगा?
(मामा) खेल तो अब शुरू होगा
हाँ, खेल तो अब, हो शुरू होगा

जितनी है ऊँची, उड़ान भर, प्यारे
ना कर तू मेरे दिमाग़ की दही
दिल की चलाई तो लाखों फ़ँसे हैं
इश्क़ ने खेले हैं खेल कई

जितनी है ऊँची, उड़ान भर, प्यारे
ना कर मेरे तू दिमाग़ की दही
दिल की चलाई तो लाखों फँसे हैं
इश्क़ ने खेले हैं खेल कई

गंदा है, गंदा, ये जुएँ का धंदा
जीतेगा वो ही बाज़ी में जिसके दम होगा
(चल हट) खेल तो अब शुरू होगा
हाँ, खेल तो अब, हो, शुरू होगा

दो दूनी पाँच का तू काम कर, साले
वक्त हमारा, है सब की लगी
लुट गई लैला तो दिख गए तारे
खुल गए पासे तो सब की हटी

दो-दो, दो-दो, दो-दो
दो दूनी पाँच का तू काम कर, साले
वक्त हमारा, है सब की लगी
लुट गई लैला तो दिख गए तारे
खुल गए पासे तो सब की हटी

पैसे के पीछे है हर कोई बंदा
पाएगा वो ही जिसकी क़िस्मत का ये होगा
खेल तो अब शुरू होगा
हाँ, खेल तो अब, हो, शुरू होगा



Credits
Writer(s): Aarv, Deepak Agarwal
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