Kaleja Hai Hazir - Studio

कलेजा है हाज़िर, ख़ंजर कहाँ है?
कलेजा है हाज़िर, ख़ंजर कहाँ है?
मेरी जान ले-ले, तू क्यूँ परेशाँ है?

कलेजा है हाज़िर, ख़ंजर कहाँ है?
कलेजा है हाज़िर, ख़ंजर कहाँ है?
मेरी जान ले-ले, तू क्यूँ परेशाँ है?
कलेजा है हाज़िर...

मेहँदी के सपनों में मन मेरा खोया
इन हाथों को मैंने लहू में डुबोया
किसी दिल में ऐसी जुर्रत कहाँ है?
लहू से लिखी गई ये दास्ताँ है

कलेजा है हाज़िर, ख़ंजर कहाँ है?
कलेजा है हाज़िर, ख़ंजर कहाँ है?
मेरी जान ले-ले, तू क्यूँ परेशाँ है?

हो, मोहब्बत को मेरी ज़ख़्मों ने पाला
मोहब्बत को मेरी...
मोहब्बत को मेरी ज़ख़्मों ने पाला
दिल को जला के किया है उजाला

मुझे लेने आएगा मेरा साँवरिया
मैं आज नाचूँगी हो के बावरिया
...हो के बावरिया
...हो के बावरिया

कलेजा है हाज़िर, ख़ंजर कहाँ है? हाए
कलेजा है हाज़िर, ख़ंजर कहाँ है?
मेरी जान ले-ले, तू क्यूँ परेशाँ है?

मेरी जान ले-ले, तू क्यूँ परेशाँ है?
मेरी जान ले-ले, तू क्यूँ परेशाँ है?



Credits
Writer(s): Dev Kohli, Uttam Singh Gulati
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