Bahon Ke Darmiyaan - Studio

बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं
बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं
जाने क्या बोले मन, डोले सुनके बदन
धड़कन बनी ज़ुबाँ

बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं
जाने क्या बोले मन, डोले सुनके बदन
धड़कन बनी ज़ुबाँ
बाँहों के दरमियाँ...

हाँ, खुलते, बंद होते लबों की ये अनकही
हाँ, खुलते, बंद होते लबों की ये अनकही
मुझसे कह रही है कि बढ़ने दे बेख़ुदी
मिल यूँ कि दौड़ जाएँ नस-नस में बिजलियाँ

बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं
जाने क्या बोले मन, डोले सुनके बदन
धड़कन बनी ज़ुबाँ
बाँहों के दरमियाँ...

आसमाँ को भी ये हसीं राज़ है पसंद
उलझी-उलझी साँसों की आवाज़ है पसंद
मोती लुटा रही है सावन की बदलियाँ

बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं
जाने क्या (जाने क्या) बोले मन (बोले मन)
डोले सुनके बदन (...के बदन), धड़कन बनी ज़ुबाँ
बाँहों के दरमियाँ...



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Jatin Lalit
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