Poora Bachpan

वो बहती नदी है, उसे रास्ता देना
वो खिलता सूरज है, उसे पूरा आसमाँ देना
वो महकती ख़ुशबू है, उसे कहीं उड़ा ना देना
वो खिलखिलाती हँसी है, मोती दूर तक बिखरने देना

कुछ देना चाहे ना देना, उसे पूरा बचपन देना
वो खिलखिलाती हँसी है, मोती दूर तक बिखरने देना
कुछ देना चाहे ना देना, उसे पूरा बचपन देना
वो खिलखिलाती हँसी है, मोती दूर तक बिखरने देना

उसे पढ़ाना, पढ़ाना नहीं, सिखाना पर सिखाना नहीं
उसे बताना पर बताना नहीं
उसकी मंज़िल देखो, उसे मंज़िल दिखलाना नहीं

'गर लगा है बाज़ार तो हज़ार चलने देना
सोना, चाँदी बेचो जितना बचपन ना बिकने देना

उसे तो उड़ने दो, उसके पंखों में सितारे जड़ो
उसे तो बहने दो, उसके किनारे बनो
उसे भटकने दो, उसकी ताल बनो
उसे तो लड़नो दो, उसकी ढाल बनो

कुछ देना चाहे ना देना, उसे पूरा बचपन देना
वो खिलखिलाती हँसी है (हँसी है), मोती दूर तक बिखरने देना
कुछ देना चाहे ना देना (कुछ देना चाहे ना...), उसे पूरा बचपन देना
वो खिलखिलाती हँसी है (हँसी है), मोती दूर तक बिखरने देना (मोती दूर तक बिखरने देना)



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