Saath Tere

मैं चलता रहूँ साथ तेरे
मैं थामे रहूँ हाथ तेरे
करीब तू आया है जबसे
भीगी है खुशीओं से मेरी पलके

मैं जीतने साल, दिन भी जियूँ
रहूँगा बस मैं तेरा बनके
लूटा दूँ सब तेरे बदले
जियूँ में नज़रों में तुझे रख के

मैं हर एक साँस में ये कहूँ
रहूँगा बस मैं तेरा बनके
मैं चलता रहूँ साथ तेरे
मैं थामे रहूँ हाथ तेरे

फ़ासलों पे बैठा था मैं श्यामों-सहर से
माँगता रहा मैं रब से कोई हमसफर दे

दुआओं ने देखो कैसा असर है दिखाया
खुदा तेरा चेहरा लेके ज़िंदगी में आया
मिली तकदीर तुझे मिल के
बदल गए मेरे हाल दिल के

जुदा ना ख्वाब में होने दूँ
रहूँगा बस मैं तेरा बनके
मैं चलता रहूँ साथ तेरे
मिला है जो तू सवेरे लिए

कोई तुझसा-तुझसा, नहीं मिलना-मिलना
कोई तुझसा-तुझसा, नहीं मिलना-मिलना
कोई तुझसा-तुझसा, नहीं मिलना-मिलना
कोई तुझसा-तुझसा, नहीं मिलना-मिलना

तेरे संग तेरा साया मैं तो बनके चलू
तेरी उफ्फ़ में हँसी, मैं अब जियूँ मैं मरूँ
तेरे रुख से जो गुज़री धूप कभी
तुझे नज़रों से सबकी बचा के मैं रखू

तेरे संग तेरा साया मैं तो बनके चलू
तेरी उफ्फ़ में हँसी, मैं अब जियूँ मैं मरूँ
तेरे रुख से जो गुज़री धूप कभी
तुझे नज़रों से सबकी बचा के मैं रखू

कोई तुझसा-तुझसा, नहीं मिलना-मिलना
कोई तुझसा-तुझसा, नहीं मिलना-मिलना
कोई तुझसा-तुझसा, नहीं मिलना-मिलना
कोई तुझसा-तुझसा, नहीं मिलना-मिलना



Credits
Writer(s): Kunaal Vermaa, Abhijit Vaghani
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