Do Anjaane Ajnabi - From "Vivah"

दो अनजाने अजनबी चले बाँधने बंधन
हाय रे, दिल में है ये उलझन, मिलकर क्या बोलें?
क्या बोलें? क्या बोलें? रे मिलकर क्या बोलें?

नई उमंग, नई ख़ुशी, महक उठा है आँगन
हाय रे, घर आए मन-भावन, मिलकर क्या बोलें?
क्या बोलें? क्या बोलें? रे मिलकर क्या बोलें?

बेचैनी, बेताबी आज मुझे ये कैसी?
आज है जो, पहले ना थी दिल की हालत ऐसी

हो, आँखों को उसी का इंतज़ार है
उन्हीं के लिए ये रूप, ये श्रृंगार है

देखी है तस्वीर ही, हो, आज मिलेंगे दर्शन
हाय रे, बढ़ने लगी है उलझन, मिलकर क्या बोलें?
क्या बोलें? क्या बोलें? रे मिलकर क्या बोलें?

रूप की रानी आई है, जैसे गगन से उतर के
मेरे लिए, क्या मेरे लिए ऐसे सज के, सँवर के?

हो, सब से छुपा के इधर-उधर से
मुझको ही देखे चोर-नज़र से

बात लबों पर है रुकी, तेज़ दिलों की धड़कन
हाय रे, कल के सजनी-साजन मिलकर क्या बोलें?
क्या बोलें? क्या बोलें? रे मिलकर क्या बोलें?



Credits
Writer(s): Ravindra Jain
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