Nok Jhok

बात-बात पे कह देते हैं नोक-झोक
बस नोक-झोक, बस नोक-झोक
बात-बात पे शह देते हैं नोक-झोक
बस नोक-झोक, बस नोक-झोक

पल-पल चोंचे मारते रहना
चुभती है पर हँसते रहना
तागों में कोई गिरा नहीं
पर बातों में फँसते रहना

(नोक-झोक, बस नोक-झोक)
(बस नोक-झोक, बस नोक-झोक)
(बस नोक-झोक, बस नोक-झोक)
(बस नोक-झोक, बस नोक-झोक)

कितना कुछ तो कह लेते हैं
लेकिन कुछ भी सुना नहीं है
बोलती ही रहती है आँखें
कहना है जो कहा नहीं है, कहा नहीं है

सीधे-सीधे रास्ते रूठे-रूठे लगते हैं
कहना है जो कहा नहीं है, कहा नहीं है

(नोक-झोक, बस नोक-झोक)
(बस नोक-झोक, बस नोक-झोक)
(बस नोक-झोक, बस नोक-झोक)
(बस नोक-झोक, बस नोक-झोक)

एक ही दर्द की छाँव तले
कौन थे वो जो गले मिले?
उनमें कोई अजनबी था क्या?
साथ-साथ जो साथ चले

कितना कुछ तो कह ही दिया है
काफी कुछ अब सुन भी लिया है
बोलने दो अब आँखों को आगे
बाकी है कुछ
बाकी है कुछ कहा नहीं है, कहा नहीं है

रूठे-रूठे रास्ते नए-नए से लगते हैं
बाकी है कुछ कहा नहीं है, कहा नहीं है

कहा नहीं है, बोलने दो आँखों को आगे
बाकी है कुछ कहा नहीं है, कहा नहीं है



Credits
Writer(s): Shankar Ehsaan Loy, Gulzar
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