Tinak Tinak

साँस की हर लौ से तेरी रोशन मैं आँगन करूँ
साँस की हर लौ से तेरी रोशन मैं आँगन करूँ
तारा बन धरती पे चमके

तिनक-तिनक शृंगार करूँ, वीर सिंदूरी माथे रचूँ
तिनक-तिनक शृंगार करूँ, वीर सिंदूरी माथे रचूँ

बाती जीवन की बुझ ना जाए
मेरे आँचल से दूर ना जाए
बाती जीवन की बुझ ना जाए
मेरे आँचल से दूर ना जाए

नटखट-नटखट तेरी पाँव की करवट से
तेरी साँसों को मैं आज सुनूँ
तेरे होने की इन साँसों को मुट्ठी में अपनी क़ैद करूँ

साँस की हर लौ से तेरी वीर सिंदूरी माथे रचूँ
तिनक-तिनक शृंगार करूँ, वीर सिंदूरी माथे रचूँ

दर्पन में है तेरी जीवन की बाती
जल-बुझ, जल-बुझ यादें तेरी सताती
दर्पन में है तेरी जीवन की बाती
जल-बुझ, जल-बुझ यादें तेरी सताती
बंद रखूँ तुझे पलकों पे, मैं ना तुझे जाने दूँ

साँस की हर लौ से तेरी वीर सिंदूरी माथे रचूँ
तिनक-तिनक शृंगार करूँ, वीर सिंदूरी माथे रचूँ



Credits
Writer(s): Verma Anil, Thakur Parampara, Tandon Sachet
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