Peheli Mohobbat

सांसों में धड़कन की तरह
वो रहती है
सांसों में धड़कन की तरह
वो रहती है
पहली मोहबत
पहली मोहबत
पहली मोहबत
या हमेशा रहती है
सांसों में धड़कन की तरह
वो रहती है

देलपे दस तक दस तक दस तक
देलपे दस तक दस तक
कई लोग थे बैठे है
कई लोग थे बैठे है

परसहन में वो
परसहन में वो
परसहन में वो
पर याद हमेशा रहती है

सांसों में धड़कन की तरह
वो रहती है

वो भी तो अबतक, अबतक, अबतक
वो भी तो अबतक, अबतक
हमको भूल न पाए है
हमको भूल न पाए है

उनकी सहेली, उनकी सहेली, उनकी सहेली
हमसे हमेशा कहती है

सांसों में धड़कन की तरह
वो रहती है

अब अगर इथ फाकुन (ओ)
अब अगर इथ फाकुन
हम कभी मिल भी जाते है
हम कभी मिल भी जाते है

पास जाने के
पास जाने के
पास जाने के
बात हमेशा रहती है

सांसों में धड़कन की तरह
वो रहती है

शहर में चाहे जितना जितना
शहर में चाहे जितना
भी वी रा न हो
जितना भीवी रा न हो

एक गली
एक गली
एक गली
आबात हमेशा रहती है

सांसों में धड़कन की तरह
वो रहती है



Credits
Writer(s): Iqbal Darbar, Mohsin Bhat
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