Zaalima by Sona Mohapatra (From "Raees")

तेरे होंठों से अच्छा लगता है मुझे कहलाना
ओ, ज़ालिमा, ओ, ज़ालिमा
फ़रमाइश मेरी मान लेना, फिर ज़रा दोहराना
ओ, ज़ालिमा, हो, ज़ालिमा

हाँ, तेरे होंठों से अच्छा लगता है मुझे कहलाना
ओ, ज़ालिमा, हो, ज़ालिमा
फ़रमाइश मेरी मान लेना, फिर ज़रा दोहराना
ओ, ज़ालिमा, ओ, ज़ालिमा

दो दिन की नहीं थी ये दिल्लगी
अपना सिलसिला पुराना हुआ
कोई दूसरा मुझ पे ना हुआ
एक तू जिस तरह दीवाना हुआ

मैं सबकुछ तेरे नाम कर दूँ, एक बार बुलाना
ओ, ज़ालिमा, ओ, ज़ालिमा (ज़ालिमा)

साँसों में तेरी नज़दीकियों का इत्र तू घोल दे, घोल दे
मैं ही क्यूँ इश्क़ ज़ाहिर करूँ? तू भी कभी बोल दे, बोल दे

बाँहों से रहे दो पल दूर तो
मुझ को यूँ लगे, ज़माना हुआ
सीने से मेरे लग भी जा ज़रा
काफ़ी रूठना-मनाना हुआ

मेरे गालों पे उँगलियों से आ ज़रा लिख जाना
ओ, ज़ालिमा, ओ, ज़ालिमा
हाँ, तेरे होंठों से अच्छा लगता है मुझे कहलाना
ओ, ज़ालिमा, ओ, ज़ालिमा

ओ, ज़ालिमा (ज़ालिमा, ज़ालिमा...)



Credits
Writer(s): Amitabh Bhattacharya, Jam8
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