Palak Muchhal Performance (From "The Care Concert")

कभी यादों में आऊं
कभी ख़्वाबों में आऊं

तेरी पलकों के साये में आकर झिलमिलाऊं
मैं वो खुशबू नहीं जो हवा में खो जाऊ

हवा भी चल रही है
मगर तू ही नहीं है
फिज़ा रंगीन बनी है
कहानी केह रही है
मुझे जितना भुलाओ मैं उतना याद आऊं

हां. हां. जो तुम ना होते
होता ही क्या हार जाने को

जो तुम ना होते होता ही क्या हार जाने को

मेरी अमानत हो तुम मेरी मोहब्बत हो तुम तुम्हे कैसे मैं भुलाऊं.

तू आसमान मेरा जहाँ लगे मुझे तू रास्तों की मंजिलें लगे मुझे
तू ही मेरी चांदनी वो रातों को जो हलकी सी जले
तू ही मेरी शाम-ओ-सेहर जो मेरे संग चले

हवा भी चल रही है
मगर तू ही नहीं है
फिज़ा रंगीन बनी है
कहानी केह रही है
मुझे जितना भुलाओ
मैं उतना याद आऊँ

ओ.
हम्म.

कभी यादों में आऊं कभी ख़्वाबों में आऊं

तेरी पलकों के साये
में आकर झिलमिलाऊं



Credits
Writer(s): Irshad Kamil, Himesh Vipin Reshammiya, Amal Israr Mallik, Manoj Muntashir Shukla, Jeet Gannguli
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