People - Hindi Reprise

बचपन बेपरवाह गलियों में खिला
हद-अनहद जहाँ मासूम कारवाँ
वो रहते अनछुए 'गर बदलें ना उन्हें
हम कह के ज़िंदगी जो नहीं सही

हम एक से हैं, फिर क्यूँ ये फ़ासले हैं?
रंग अलग हों तो क्या? साँसों में तो है एक हवा
हम एक से हैं, फिर क्यूँ ये फ़ासले हैं?
क्यूँ ना जानें हम ये कि थोड़े से प्यार की है बस कमी?

परिंदे ख़्वाबों के थामे हाथ, उड़ें
नाचें सारी रात ख़ुशी लेके साथ
एक दिन वो देख ले, ख़फ़ा से ख़्वाब हुए
वो कहेंगे यही ज़िंदगी जो नहीं सही

हम एक से हैं, फिर क्यूँ ये फ़ासले हैं?
रंग अलग हों तो क्या? साँसों में तो है एक हवा
हम एक से हैं, फिर क्यूँ ये फ़ासले हैं?
क्यूँ ना जानें हम ये कि थोड़े से प्यार की है बस कमी?

हम दें 'गर थोड़ा प्यार, mmm, मिलेगा बेशुमार
भूले से ना भूलें, हम एक दिल हैं

हम एक से हैं, फिर क्यूँ ये फ़ासले हैं?
रंग अलग हों तो क्या? साँसों में तो है एक हवा
हम एक से हैं, फिर क्यूँ ये फ़ासले हैं?
क्यूँ ना जानें हम ये कि थोड़े से प्यार की है बस कमी?



Credits
Writer(s): Neil Richard Ormandy, Jonathan Hugh Quarmby, Nikhil D'souza
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