Bandhishe Khathil Dil Ki

गर्दिश की ऐसी घड़ी आ गई है
मायूसी मुझ में यूँ छा गई है
होगा ना मुझ सा मुक़द्दर का मारा
जीते जी तन से रूह जा रही है

बंदिशें क़ातिल दिल की मुझे तड़पाएँ
ख़्वाहिशें इश्क़ की तेरी तेरे दर लाएँ
बंदिशें क़ातिल दिल की मुझे तड़पाएँ
ख़्वाहिशें इश्क़ की तेरी तेरे दर लाएँ

मेरे मौला, मेरे मौला
भूले को राह दिखा दे, मेरे मौला
रहम-ओ-करम बरसा दे, मेरे मौला

बिखर गए दहलीज़ पे जो
बिखर गए दहलीज़ पे जो
बिखर गए दहलीज़ पे जो
बिखर गए दहलीज़ पे जो

ख़ाबों को फिर से बसा दे, मेरे मौला
रहम-ओ-करम बरसा दे, मेरे मौला

महफ़िल में है तनहाई भरी
ढूँढे दर-ब-दर तुझे धड़कन मेरी
चिलमन दरमियाँ, उसको तू हटा, मौला
तरसूँ जिसको मैं, जन्नत वो दिखा, मौला

इस बेक़रार दिल की पुकार सुन ले रे, मेरे मौला
'गर तू कहे तो करूँ जाँ निसार तुझ पे, ऐ मेरे मौला
मौला, मौला

चमन जो उजड़ा, खिला दे, मेरे मौला
कहर को सर से हटा दे, मेरे मौला

बेचैन दिल को सुकून मिले
बेचैन दिल को सुकून मिले
बेचैन दिल को सुकून मिले
बेचैन दिल को सुकून मिले

ऐसा एक काँधा दिला दे, मेरे मौला
रहम-ओ-करम बरसा दे, मेरे मौला



Credits
Writer(s): Mohith Rahmaniac, Sri Ram Srimanasvi
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