Mehrooni

मेरा मेहरून कुर्ता बड़ा ख़ूबसूूरत दिखता है
वजह ये नहीं कि उसका रंग मेहरूनी
दरअसल वजह ये है कि तुम्हारी हथेली पे लगी मेहँदी
और कुर्ते का रंग match होता है

इस कुर्ते के button को टाँकने में उतना वक्त नहीं लगता
जितना button के धागे को दातों से काटने में लगता है
धागा तो फिर भी कट ही जाता है
लेकिन वो शर्मिली निगाहें
निगाहों से चुराने की रिवायत काफ़ी वक्त लेती है

Hmm, और इन रिवायतों को निभाने की
शिद्दत में हर बार की तरह
ठंडी चाय, नर्म आलू के पराठे
और आधा बुझा, आधा जला cigarette

अब कश्मकश ये रहती है कि पहले क्या नोश करें
हाथ बढ़ ही रहे होते हैं cigarette की तरफ़
और वहीं कोने से एक इशारा आता
और इशारे में वो मेहरूनी मेहँदी

सब वहीं का वहीं और हम भी वहीं
जफ़ाएँ कई देखी, पर ये आलम ना देखा
जफ़ाएँ कई देखी, पर ये आलम ना देखा

कुर्ते और हथेली का ये इश्क़
पहले कभी ना देखा
पहले कभी ना देखा



Credits
Writer(s): Rashid Khan
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link