Tehzeeb-e-Ishq

मुझे भीगना है तेरी साँसों में
जैसे तू मुझको भिगा गया
मैं लम्हा सा ठहरी थी कहीं
मुझे नींद से तू जगा गया

अच्छा लगने लगा अब ये समाँ
तहज़ीब-ए-इश्क़ जो तू सिख़ा गया
सिख़ा गया तहज़ीब-ए-इश्क़
सिख़ा गया तहज़ीब-ए-इश्क़

अब दुआ है बस मेरी यही
ख्वाहिशें हों तुमसे ही
साथ तेरा कुछ ऐसा मिले
बिन तेरे मैं, मैं, नहीं

हरएक साँसों में बस तू ही है रवाँ
मेरे लफ्जों की तू ज़ुबाँ

रूह में जो तू सम गया
तहज़ीब-ए-इश्क़ जो तू सिख़ा गया
सिख़ा गया तहज़ीब-ए-इश्क़
सिख़ा गया तहज़ीब-ए-इश्क़



Credits
Writer(s): Shivangi Bhayana
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