Shukriya (Rendition) (From "Sadak 2")

ज़िंदगी, चल तेरा शुक्रिया
शायद मिले ना तू कल की सुबह
जो दिया, हम ने हँस के लिया
ऐ ज़िंदगी, तेरा चल शुक्रिया

हर साँस का, हर ख़्वाब का
उम्मीद के सैलाब का
तुझसे जुड़ी हर बात का शुक्रिया

तेरी धूप का, बरसात का
थामा जिसे उस हाथ का
अच्छे-बुरे हालात का शुक्रिया

शुक्रिया, शुक्रिया
शुक्रिया, शुक्रिया
मिलना-बिछड़ना, आना-जाना
तय है सब कुछ पहले से
प्यार भरे पल बाँध के रख ले
बाक़ी सब कुछ रहने दे

कुछ नहीं हाथ आएगा यहाँ
फिर भी ऐ ज़िंदगी, तेरा शुक्रिया
कुछ नहीं हाथ आएगा यहाँ
फिर भी ऐ ज़िंदगी, तेरा शुक्रिया
मुझमें सब है, सब कुछ मैं हूँ
जीना-मरना बातें हैं
मुझमें दोनों चाँद और सूरज
मुझसे दिन और रातें हैं

पास हूँ मैं तेरे हर जगह
महसूस कर मुझे और मुस्कुरा
पास हूँ मैं तेरे हर जगह
महसूस कर मुझे और मुस्कुरा
शुक्रिया, शुक्रिया



Credits
Writer(s): Rashmi Singh, Jeet Gannguli
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