Tere Bagair

बेग़रज़ की ये दुआएँ सारी लग रही मुझे
आग में लिपटी हुई हवाएँ सारी लग रही मुझे
बेग़रज़ की ये दुआएँ सारी लग रही मुझे
आग में लिपटी हुई हवाएँ सारी लग रही मुझे

तू एक बार तो मुड़ के यहाँ
आजा, लेके कोई सहर
तू एक बार तो मुड़ के यहाँ
आजा, लेके कोई सहर

तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर जी ना सकेंगे हम
तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर जी ना सकेंगे हम

तू चल के आती थी ऐसे
जैसे चल के आयी हो ज़िंदगी हु-ब-हू
पलकें झुकाती थी ऐसे
जैसे कल के आयें हैं ख़्वाब ये रू-ब-रू

तेरे बिना भी जैसे यहाँ
सूने हुए आठों पहर
तू एक बार तो मुड़ के यहाँ
आजा, लेके कोई सहर

हो, तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर जी ना सकेंगे हम
तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर जी ना सकेंगे हम



Credits
Writer(s): Parashram Laxman Ingole, Shreyas Prashant Puranik
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