Sojatiya Sirdar

तेरे बिना लागे ना ये जिया, इशक़ का कैसा रोग लिया
तेरा नसीब मैं हूँ, आओ मुझे मिल जाना
बादल है तू, मैं जमी, यूँ मुझे तरसा ना
तू रूह, मैं रेत सी, के तुझ बिन मर जाना

सोजतिया सिरदार, पिया म्हारा सावन आयो री
सोजतिया सिरदार, पिया म्हारा सावन आयो री

सावन आयो री, पिया म्हारा सावन आयो री
सावन आयो री, पिया म्हारा सावन आयो री

घरा उड़िके थारी नार, पिया म्हारा सावन आयो री
सोजतिया सिरदार, पिया म्हारा सावन आयो री

संग बिताएँ याद आएँ पल वो खोए से कहीं
तेरी छुअन से बावरे मन में लहरें उठती थी कभी
आ भी जा रे, मन रुआँसा हुआ जाए, हाय रे
क्यूँ सताए तू पिया रे? क्यूँ रिझाए रेे?

सावन आयो री, पिया म्हारा सावन आयो री
सावन आयो री, पिया म्हारा सावन आयो री
सूनो पड़े शृङ्गार, पिया म्हारा सावन आयो री

सोजतिया सिरदार, पिया म्हारा सावन आयो री

साजण आया रे सखी
तो काईं मनवार कराँ?
थाल भरा गज मोतियाँ
ऊपर नैन धराँ



Credits
Writer(s): Avinash Chouhan, Divya Kumar
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