Kandhe Ka Woh Til

तेरे काँधे का वो तिल
मैंने देखा था जिस दिन, आज भी है वो मुझे याद
तेरी आँखों में जो कल
मैंने जिया था हर पल, है ठहरा हुआ मेरे साथ

तेरे काँधे का वो तिल
मैंने देखा था जिस दिन, आज भी है वो मुझे याद
तेरी आँखों में जो कल
मैंने जिया था हर पल, है ठहरा हुआ मेरे साथ

मैं जब भी मिलता ना तुझे, दर्द होता था मुझे
तुझे होता था क्या? (तुझे होता था क्या?)
तू अब भी दूरी पे है, पर आसमाँ से रात भर
तुझको है क्या पता?

तेरी बातें होती हैं
तेरी बातें होती हैं

तेरे काँधे का वो तिल मैंने देखा था जिस दिन
आज भी है वो मुझे याद

तेरी ज़ुल्फ़ों में अक्सर रातें बिताता था
डूबे जब चाँद सँवेरे तो मैं जाता था

एक दिल मैं तेरा १००-१०० बारी चुराता था
तेरे होंठों की हँसी से दिल मुस्कुराता था
अब तो जीना भूल गया मैं
तू जो थी तो जीना मुझको आता था

एक हो ना सके हम, मुझे कितना है ग़म
पूरा ना हुआ मेरा ख़्वाब (मेरा ख़्वाब)
तू ना जानेगी कभी जो निशानी तूने दी
उसे अब उतार यहाँ

तेरी बातें होती हैं
तेरी बातें होती हैं



Credits
Writer(s): Rakesh Kumar Pal, Manan Bhardwaj
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