Khaali Si Rooh

साथ के वादे सभी, छोड़ के आधे सभी
नेक से, हाँ, इरादे सभी, ooh-ooh
शिकायतें होती रही, आदतें सोती रही
बिन तेरे जिए ना, ना संग भी कभी

पाने को था कुछ नहीं, खोने को तू भी कहीं
ख़ाली सी इस रूह में मिलती नहीं ज़िंदगी

गीत जो आधे लिखे, ख़्वाब जो पूरे दिखे
अब तलक थे तुम पे टिके, ooh-ooh
मैं नहीं, ना तू रहे, मोह में ऐसे बहें
भूल के रास्ते, ये दुनिया कहे

मिलना तू फिर उस घड़ी, दो राह पर हो खड़ी
तन्हा अकेली पड़ी मेरी ये ज़िंदगी



Credits
Writer(s): Athul Das Prabhu
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