Mann Mein Aman

चाहत है सुकून की तो मन में अमन तू रखना
राहत है दूर भी तो मन में अमन तू रखना

कस्तूरी जो महके, मृग बहके, पर वो ना जाने
दुनिया में जो ढूँढे, हैं उसके अंदर ही ठिकाने
बदलाव जो चाहे तू, वो खुद ही तू बनना
मन में अमन तू रखना

हर एक जो रस्ता है, तुझ से वाबस्ता है
जाने क्यूँ मंज़िलों को पाने को तू तरसता है
चल तू, ढल तू अपने ख़ाबों के रंग में
कल तू, बदल तू, आज को ले अपने संग में

कस्तूरी जो महके, मृग बहके, पर वो ना जाने
दुनिया में जो ढूँढे, हैं उसके अंदर ही ठिकाने
बदलाव जो चाहे तू, वो खुद ही तू बनना
मन में अमन तू रखना

चाहत है सुकून की तो मन में अमन तू रखना
राहत है दूर भी तो मन में अमन तू रखना



Credits
Writer(s): Sulaiman Sadruddin Merchant, Salim Sadruddin Merchant, Inderpreet Singh, Ricky Kej
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link