Tu Kahe Agar Jiwan Bhar Main Geet Sunata, From ''Andaz''

तू कहे अगर, तू कहे अगर
तू कहे अगर, जीवन भर मैं गीत सुनाता जाऊँ
मन बीन बजाता जाऊँ, तू कहे अगर

और आग मैं अपने दिल की
हर दिल में लगाता जाऊँ
दुख-दर्द मिटाता जाऊँ, तू कहे अगर

मैं साज़ हूँ, तू सरगम है
मैं साज़ हूँ, तू सरगम है
देती जा सहारे मुझ को
देती जा सहारे मुझ को

मैं राग हूँ, तू वीणा है
मैं राग हूँ, तू वीणा है

जिस दम तू पुकारे मुझ को
आवाज़ में तेरी हर दम आवाज़ मिलाता जाऊँ
आकाश पे छाता जाऊँ, तू कहे अगर

इन बोलों में तू ही तू है
मैं समझूँ या तू जाने, हाँ, जाने
इन बोलों में तू ही तू है
मैं समझूँ या तू जाने, हाँ, जाने

इनमें है कहानी मेरी
इनमें हैं तेरे अफ़साने
इनमें हैं तेरे अफ़साने

तू साज़ उठा उलफ़त का
मैं झूम के गाता जाऊँ
सपनों को जगाता जाऊँ

तू कहे अगर, जीवन भर मैं गीत सुनाता जाऊँ
मन बीन बजाता जाऊँ, तू कहे अगर



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Naushad Ali
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