Raavan

ओ रे, रावण लंका का साजन
जो भी वचन दिया मर के उसमें जिया
ओ रे, रावण विद्या का सावन
वश में ज्ञान किया, जीवन अमृत पिया

(श्री महादेव शंभू)
(श्री महादेव शंभू)
(श्री महादेव शंभू)
(श्री महादेव शंभू)

हृदय नाशक, प्रेम रोग पाल के
दुनिया खंगाल के, मस्तक चढ़ा काल के
हानिकारक, क्रोध मन में डाल के
स्वर्गों से निकाल के, नर्क अपने भाग्य में भारी

प्रलय वादक, वरना अपनी बात पे
रख दूँ पानी आग पे, गर्वित हूँ इस ख़ाब पे
मैं हूँ पारस, सारे रंग गुलाल के
मुझको छू के कमाल के, मेरे वध पे भी थी आँखें ब्रह्मा की भारी

(श्री महादेव शम्भू)

ओ रे, रावण लंका का साजन
जो भी वचन दिया मर के उसमें जिया
ओ रे, रावण विद्या का सावन
वश में ज्ञान किया, जीवन अमृत पिया

रावणो हं कामये, अखिलं निखिलं कामये
कामये हं कीर्तिम्, कामये प्रसिद्धीम्
कामये सामर्थ्यम्, कामये प्राबल्यम्
कामये ऐश्वर्यम्, कामये वैपुल्यम्

कामये विजितिम्, निःशेषां विजितिम्
कामं मे मानः सपरिक्लेश:, हा, अखिलं निखिलं कामये
रावणो हं कामये, अखिलं निखिलं कामये
रावणो हं कामये, अखिलं निखिलं...

हृदय नाशक, प्रेम रोग पाल के
दुनिया खंगाल के, मस्तक चढ़ा काल के
हानिकारक, क्रोध मन में डाल के
स्वर्गों से निकाल के, नर्क अपने भाग्य में भारी

प्रलय वादक, वरना अपनी बात पे
रख दूँ पानी आग पे, गर्वित हूँ इस ख़ाब पे
मैं हूँ पारस, सारे रंग गुलाल के
मुझको छू के कमाल के, मेरे वध पे भी थी आँखें ब्रह्मा की भारी



Credits
Writer(s): Amit Trivedi, A M Turaz
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