Tanhaai

टूटा है बहुत ये दिल मेरा, आँसू हैं, बड़ी तनहाई है
जब से तेरी बाँहों में हमें आने की हुई मनाही है

कुछ यादें जो तेरी बाक़ी हैं, जो दिल को बहुत सताती हैं
काटे से नहीं कटता लमहा, क्यूँ दे दी तनहाई?
कुछ बातें जो तेरी बाक़ी हैं, जो हम को बहुत रुलाती हैं
जीने को नहीं अब दिल करता, क्यूँ दे दी तनहाई?

वो हाथ जो कल तक हाथ में था, अब छूने से कतराता है
हर लमहा कल तक साथ में था, अब मिलने तक नहीं आता है
ये सोच के नींद ना आती है, और दिल में एक उदासी है
क्यूँ तूने किया हम को तनहा? क्यूँ दे दी ये जुदाई?

होंठों पे हँसी ना आती है, आँखें भी नम हो जाती हैं
अच्छा ही नहीं लगता जीना, क्यूँ दे दी ये जुदाई?
इस इश्क़ में तेरे हाथों से यही चीज़ हमें मिल पाई है
क्यूँ दे दी तूने जुदाई है? क्यूँ दे दी तनहाई?

तनहाई है हमसफ़र, तनहाई है हर डगर
तनहाई है हर पहर, तनहाई शाम-ओ-सहर
तनहाई है हर तरफ़, तनहाई है हद-ए-नज़र
तनहाई है अर्श तक, तनहाई है अब फ़र्श तक

मेरे हिस्से में, हिस्से में ग़म ही आए हैं
तेरे हिस्से में, हिस्से में खुशियाँ
मेरी आँखों में, आँखों में अश्क आए हैं
तेरे होंठों पे, होंठों पे हँसना

टूटा है बहुत ये दिल मेरा, आँसू हैं, बड़ी तनहाई है
जब से तेरी बाँहों में हमें आने की हुई मनाही है



Credits
Writer(s): Sayeed Quadri, Thakur Parampara, Tandon Sachet
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