Ishq Ka Rang

मेरे दर्द का तेरे दर्द से था रिश्ता संगीन
दर्द होगा ये ख़तम था मुझ को यकीं
एक राह जो हुई, एक मंज़िल जो हुई
टूटे दिल की ख़्वाहिश अब उड़ने की थी, हो गई

मैं आधा खाली, तू आधा पूरा हो गया
इश्क़ का रंग थोड़ा-थोड़ा मुझ में घुल गया
मैं आधा खाली, तू आधा पूरा हो गया
इश्क़ का रंग थोड़ा-थोड़ा मुझ में घुल गया

यूँ तो टूटा, टूटा दिल १०० बार
इस दफ़ा कुछ हुआ, हुआ पहली बार
ज़ख्मी दिल तेरा, मेरा भी रूठा था
दस्तक दिल की खिड़की पे कर रहा था

रीत टूटने की सदियों से थी चल रही
अधूरी सी तलाश, पूरी अब वो होने लगी

मैं आधा खाली, तू आधा पूरा हो गया
इश्क़ का रंग थोड़ा-थोड़ा मुझ में घुल गया
मैं आधा खाली, तू आधा पूरा हो गया
इश्क़ का रंग थोड़ा-थोड़ा मुझ में घुल गया



Credits
Writer(s): Ritika Chawla
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