Dhuan Dhuan

धुआँ-धुआँ, धुआँ-धुआँ
धुआँ-धुआँ, धुआँ ही धुआँ

धुआँ-धुआँ, धुआँ-धुआँ
धुआँ-धुआँ, धुआँ ही धुआँ

ये साज़िशें दिशाओं की, ये साज़िशें हवाओं की
लहू-लुहान हो गई ज़मीं ये देवताओं की

ना शंख की सदाएँ हैं, ना अब सदा अज़ान की
नज़र मेरी ज़मीन को लगी है आसामन की
है दर-बदर ये लोग क्यूँ? जले हैं क्यूँ मकाँ?

धुआँ-धुआँ, धुआँ-धुआँ
धुआँ-धुआँ, धुआँ ही धुआँ

ये किसने आग डाल दी है नर्म-नर्म घास पर?
लिखा हुआ है ज़िंदगी यहाँ हर एक लाश पर

ये तख़्त की लड़ाई है, ये कुर्सियों की जंग है
ये बेगुनाह ख़ून भी सियासतों का रंग है
लक़ीर खैंच दी कई दिलों के दरमियाँ

धुआँ-धुआँ, धुआँ-धुआँ
धुआँ-धुआँ, धुआँ ही धुआँ
धुआँ-धुआँ, धुआँ-धुआँ
धुआँ-धुआँ, धुआँ ही धुआँ



Credits
Writer(s): A.r. Rahman, Rahat Indori
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