Gham Raha

ग़म रहा, जब तक के दम में दम रहा
ग़म रहा, जब तक के दम में दम रहा
दिल के जाने का निहायत ग़म रहा

ग़म रहा, जब तक के दम में दम रहा
दिल के जाने का निहायत ग़म रहा
ग़म रहा, जब तक के दम में दम रहा

मेरे रोने की हक़ीक़त जिसमें थी
मेरे रोने की हक़ीक़त जिसमें थी
मेरे रोने की हक़ीक़त जिसमें थी

एक मुद्दत तक वो काग़ज़ नम रहा
ग़म रहा, जब तक के दम में दम रहा

दिल ना पहुँचा गोशा-ए-दामाँ तलक
दिल ना पहुँचा गोशा-ए-दामाँ तलक
दिल ना पहुँचा गोशा-ए-दामाँ तलक

क़तरा-ए-ख़ूँ था मिज़ा पर जम रहा
ग़म रहा, जब तक के दम में दम रहा

सुब्ह-ए-पीरी शाम होने आई, मीर
सुब्ह-ए-पीरी शाम होने आई, मीर
सुब्ह-ए-पीरी शाम होने आई, मीर
सुब्ह-ए-पीरी शाम होने आई, मीर
सुब्ह-ए-पीरी शाम होने आई, मीर

तू ना चेता याँ बहुत दिन कम रहा
ग़म रहा, जब तक के दम में दम रहा
दिल के जाने का निहायत ग़म रहा

ग़म रहा, जब तक के दम में दम रहा
जब तक के दम में दम रहा
जब तक के दम में दम रहा
जब तक के दम में दम रहा



Credits
Writer(s): Rathod Roop Kumar, Rathod Sonali
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