Soya Manwa Jagale

सोया मनवा जगा ले रे
जगा ले रे बीती रजनी
सोया मनवा जगा ले
जगा ले रे बीती रजनी

हरी को ह्रदय बसा ले रे
बसा ले रे बीती रजनी

सोया मनवा जगा ले रे
जगा ले रे बीती रजनी

सारी दुनिया जाग गयी और तू निद्रा में सोया
हरी भजन का औसर प्राणी यूँ ही तूने खोया
जीवन करम कमा ले रे
कमा ले रे बीती राजनी
सोया मनवा जगा ले रे
जगा ले रे बीती रजनी

पल-पल जो भी निकला जाए, फिर नहीं हाथ में आये
जीवन का अनमोल खजाना जग में लुटता जाए
कुछ तो पूँजी बचा ले रे

बचा ले बीती रजनी
सोया मनवा जगा ले
जगा ले रे बीती रजनी

ज्ञान का सूरज गगन में चमके
दूर हुवा अँधियारा
ओ झुठे सपनो के अंधे
अब तक नहीं निहारा

हरी ने किये उज्जाले रे
उज्जाले रे बीती रजनी

सोया मनवा जगा ले रे
जगा ले रे बीती रजनी
सोया मनवा जगा ले रे
जगा ले रे बीती रजनी

हरी को ह्रदय बसा ले रे
बसा ले रे बीती रजनी
सोया मनवा जगा ले रे
जगा ले रे बीती रजनी
ओ जगा ले रे बीती रजनी
ओ जगा ले रे बीती रजनी



Credits
Writer(s): Raghunath Seth, Hari Om Sharan
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