Tu Mere Saath Saath

हुस्न है, शाम है, उठा ले जाम तू खुशी का
वक्त है ये तेरा, मना ले जश्न ज़िंदगी का

ये शाम आज की तेरे ही नाम है
तेरा नसीब भी तेरा गुलाम है
क्या हसीन ये मक़ाम है

तू मेरे साथ-साथ आसमाँ से आगे चल
Hey, तू मेरे साथ-साथ आसमाँ से आगे चल
तुझे पुकारता है तेरा आने वाला कल
तू मेरे साथ-साथ आसमाँ से आगे चल
तुझे पुकारता है तेरा आने वाला कल

नई हैं मंज़िलें, नए हैं रास्ते
नया-नया सफ़र है तेरे वास्ते
नई-नई है ज़िंदगी

हुस्न से भी हसीं हैं ख़ाब मेरी ज़िंदगी के
इस खुशी से परे हैं मोड़ और भी खुशी के

मैं देखता नहीं कभी इधर-उधर
बस अपनी मंज़िलों पे है मेरी नज़र
देख मुझ को, मेरे हमसफ़र

तू मेरे साथ-साथ आसमाँ से आगे चल
तुझे पुकारता है तेरा आने वाला कल

नई हैं मंज़िलें, नए हैं रास्ते
नया-नया सफ़र है तेरे वास्ते
नई-नई है ज़िंदगी, नई-नई है ज़िंदगी

साथ-साथ, तू आसमाँ से आगे चल
साथ-साथ, तू आसमाँ से आगे चल

(तू मेरे साथ-साथ...)
(साथ-साथ, तू आसमाँ से आगे चल)
(तू मेरे साथ-साथ...)
(साथ-साथ, तू आसमाँ से आगे चल)



Credits
Writer(s): Jatin-lalit
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