Kuchh Hum Mein Aisi Baaten Hai

कुछ हम में ऐसी बातें हैं, वो सब में हैं कहाँ
जीतेंगे ये जहाँ, जीतेंगे ये जहाँ, वो-हो-हो-हो
हाथों की दोनों में मुट्ठी में रखते हैं दो जहाँ
हम ऐसे हैं जवाँ, हम ऐसे हैं जवाँ, हो-हो-हो-हो

हम सीधे चलने वाले
सब टेढ़े लोगों को सीधी राह पे लाते हैं

हम सीधे चलने वाले
सब टेढ़े लोगों को सीधी राह पे लाते हैं
हम ऐसे हैं दिल वाले
शैतान के बेटों को इंसाँ भी बनाते हैं

इक्का-मिक्का-डुस्सा
इक्का-मिक्का-डुस्सा
इक्का-मिक्का-डुस्सा-सा-सा

पत्थर को दें ज़बाँ, पत्थर को दें ज़बाँ, वो-हो-हो-हो
कुछ हम में ऐसी बातें हैं, वो सब में हैं कहाँ
जीतेंगे ये जहाँ, जीतेंगे ये जहाँ, हो-हो-हो

ये मौज, ये अपनी मस्ती जब आग उगलती है
सागर से नहीं बुझती है

ये मौज, ये अपनी मस्ती जब आग उगलती है
सागर से नहीं बुझती है
आँधी ये जवानों की रे जब चलने लगती है
रोके से नहीं रुकती है

इक्का-मिक्का-डुस्सा
इक्का-मिक्का-डुस्सा
इक्का-मिक्का-डुस्सा-सा-सा

ये तूफ़ाँ है कहाँ, ये तूफ़ाँ है कहाँ, ओ-हो-हो-हो
कुछ हम में ऐसी बातें हैं, वो सब में हैं कहाँ
जीतेंगे ये जहाँ, जीतेंगे ये जहाँ, वो-हो-हो-हो
हाथों की दोनों में मुट्ठी में रखते हैं दो जहाँ
हम ऐसे हैं जवाँ, हम ऐसे हैं जवाँ, हो-हो-हो



Credits
Writer(s): Uzma Aman Khan
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