Roshini Se Bhar Utah

रोशनी से भर उठा आसमाँ-आसमाँ
एक नई सुबह का है समाँ, है समाँ
पंख भी ना खिले, ना ही रास्ते खुले
और दो-दो नन्ही जान जीवन को खो चले

चाहे यहाँ रहे या फाँसी पर चढ़े
दोनों में एक चुने या बे-उम्मीद मरे
समय दिए चैन के, लेकिन हम ना-क़ाबिल निकले
सुनो-सुनो, बचे ना वो, जो भी हो अपराधी

मासूमों को क्यूँ ये सज़ा मिली बताए कोई
ज़िंदगी दोबारा मिले क्या कोई कहो?
मौन है ये जहाँ देख के ये मनमानी
भर आया आँखों में सागर का खारा पानी

मौन है ये जहाँ देख के ये मनमानी
भर आया आँखों में सागर का खारा पानी
रोशनी से भर उठा आसमाँ-आसमाँ
रोशनी से भर उठा आसमाँ-आसमाँ



Credits
Writer(s): Anirudh Ravichander, Vimal Kashyap
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