Vardaan

सशक्त बक्से में बंद
पड़े-पड़े लगा उस पे जंग और गंध
कभी-कभी करता है मन
कर लूँ उसी बक्से में ख़ुद को बंद

घिसट-घिसट के लड़, जैसे तू कोई टूटी पतंग
सह ले तू दर्द क्योंकि कभी ना होगी ख़तम ये जंग
घरवालों से आती शरम कहने में जो मुझे है बनना
जब तक देता ना सबूत तो कैसे बोलूँ
हाँ, यही था शुरू से मुझे करना?

रास्ते जो पास थे, कब आएँगे सामने?
जितना पीछा करोगे, उतने बढ़ेंगे फ़ासलें
सपनों के लिए साँस लें, सपनों के लिए जान दे
कैसे है करना, बस यही ना जानते

पकड़ो मेरा हाथ, कूदो तुम ऊँचाई से
जाएँगे नीचे नहीं, और भी ऊँचाई पे
जहाँ पे जीत की पुकार भी सुनाई दे
इस बात की मेरी पूरी ज़िंदगी गवाही दे

पकड़ो मेरा हाथ, कूदो तुम ऊँचाई से
जाएँगे नीचे नहीं, और भी ऊँचाई पे
जहाँ पे जीत की पुकार भी सुनाई दे
इस बात की मेरी पूरी ज़िंदगी गवाही दे

नीचे मत देखना, पीछे मत मुड़ना
चिल्लाते लोग, ज़िंदा या मुर्दा
ज़रा सोच कभी तू भी वहीं था
पर तुझमें थी वीरता, हाँ, तू ही सही था

सब में जलती हैं आग
जिसे अक्सर बुझने देते हैं हम
अंत में बचती है राख़
जो करती हिम्मत और भी कम

करनी है पूरी अपनी खुराक़, लगेगा सिर्फ़ एक ही जनम
लपटे उठेगी राख़ से बस रखना है आगे क़दम
पड़ेंगे पीछे लोग और मारेंगे ताने
उनकी मत सुनो, ये भूखे बेचारे, जाने-अनजाने ये बस खाते हैं दाने
ये लोग ख़ुद को ना पहचाने, तो सोच कैसे आएँगे हमें बचाने?

नाकामयाबी का जब बढ़ता है अँधेरा
नहीं समझते सब और लगता है अकेला
तब भूलो ना, क्या-क्या तुमने झेला
क्योंकि आता है अँधेरा, ताकि आ सके सँवेरा

पकड़ो मेरा हाथ, कूदो तुम ऊँचाई से
जाएँगे नीचे नहीं, और भी ऊँचाई पे
जहाँ पे जीत की पुकार भी सुनाई दे
इस बात की मेरी पूरी ज़िंदगी गवाही दे

पकड़ो मेरा हाथ, कूदो तुम ऊँचाई से
जाएँगे नीचे नहीं, और भी ऊँचाई पे
जहाँ पे जीत की पुकार भी सुनाई दे
इस बात की मेरी पूरी ज़िंदगी गवाही दे

बनना नहीं legend, बनानी बस अपनी जगह
देना नहीं १०० percent, २०० तू power लगा
किस्मत को भूल, भूल मत अपनी वजह
लगी है चोट, वरदान है, ना कोई सज़ा



Credits
Writer(s): Ajay Nagar
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