Tu Hi Hai

तू, तू ही है, तू ही है
तू, तू ही है, तू ही है
जो मेरी नींदें उड़ा के चली जाती है
जो मेरे ख़्वाबों में आके चली जाती है
जो मेरा दर्द बड़ा के चली जाती है
जो मेरे दिल को चुरा के चली जाती है

तू, तू ही है, तू ही है
तू, तू ही है, तू ही है

तू, तू ही है, तू ही है
तू, तू ही है, तू ही है

जो कोई आग लगा के चला जाता है
जो कोई शोला भड़का के चला जाता है
जो मेरा दिल धड़का के चला जाता है
जो मेरे पास में आके चला जाता है

तू, तू ही है, तू ही है
तू, तू ही है, तू ही है

आ मैं तेरे होठों के फूल खिला दूँ
आ मैं तेरे प्यार का तुझको सिला दूँ
आ मैं तेरे यादों की दुनिया सजा दूँ
आ मैं तेरी बाहों में उम्र बिता दूँ
जान-ए-मन, जान-ए-जाँ, तू जहाँ मैं वहाँ

जो मेरे होश गवां के चला जाता है
जो मेरे ज़ुल्फ़ सजा के चला जाता है
जो कुछ कस्मे भुला के चला जाता है
जो कुछ वादे निभा के चला जाता है

तू, तू ही है, तू ही है
तू, तू ही है, तू ही है

मुझको तूने छेड़ा है नई प्यास देके
मैं तो काटती हूँ दिन तेरा नाम लेके
तेरी इन अदाओं की कोई डोर खींचे
मैं तो चला आता हूँ तेरे पीछे-पीछे
तूने क्या कह दिया? भड़का ये जिया

जो कभी मुझको हँसा के चली जाती है
जो कभी बातें बना के चली जाती है
जो कभी मुझे तड़पा के चली जाती है
जो कभी दिल को जला के चली जाती है

तू, तू ही है, तू ही है
तू, तू ही है, तू ही है
जो कोई आग लगा के चला जाता है
जो कोई शोला भड़का के चला जाता है
जो मेरा दिल धड़का के चला जाता है
जो मेरे पास में आके चला जाता है

तू, तू ही है, तू ही है
तू, तू ही है, तू ही है



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan, Anu Malik
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