Zara Thehro Unplugged (From "Indie Hain Hum 2 With Tulsi Kumar")

ज़रा ठहरो, ज़रा बैठो, करनी हैं बातें
पास आओ और थोड़ा, सर्द हैं रातें

आसान होता तो मैं कब का कह चुकी होती
ऐसे तुम्हारे सामने ख़ामोश ना रहती

ज़रा ठहरो, ज़रा बैठो, करनी हैं बातें
पास आओ और थोड़ा, सर्द हैं रातें

मेरी आँखों में, साँसों में
पहले भी ये ख़ाब चलता रहा
तेरी नींदों में चुपके से जाने से
जाने क्यूँ डरता रहा

बारिश की बूँदों सा ये दिल गिरता-बरसता है
तुम पास होते हो, मगर फिर भी तरसता है

ज़रा ठहरो, ज़रा बैठो, करनी हैं बातें
तुम को पाना चाहती हैं मेरी बरसातें



Credits
Writer(s): Amaal Mallik, Sanjeev Chaturvedi
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