Saajan Ghar Laute

आज पवन संग उड़ चली, जैसे उड़े पतंग
छलक-छलक दो नैन कहें, "सहम-सहम, मोरे अंग
सहम-सहम, मोरे अंग"

साजन घर लौटे मेरे, जैसे लौटे प्राण
बहक ना, आँचल बावरे, डगर नहीं आसान
ये डगर नहीं आसान

जल दर्पन में देखकर हंसिनी करे किलोल
कंकर मारे बहेलिया, सब सुख होए विलोल



Credits
Writer(s): Sudhakar Sharma, Mani Shankar
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