Jaane De

रात की कहानियाँ तो सुन
हवाएँ गा रही है, तुझे बुला रही है
मचल रहा है क्यूँ ये तेरा मन
ये लग गया कही या कही है गुम

थम गया है जैसे ये समाँ, ये जहाँ
जैसे मुस्कुरा रहा है तुझपे
आज़मा ले लफ़्ज़ों को जरा, कर बया
जो भी चल रहा है तेरे दिल में अब तो ये बता

कैसे मैं बताऊँ, क्यूँ डगमगा गया ये हौसला
जाना तो वही है उसके चेहरे से जो होती थी सुबह
उसकी बातें जिनके काबिल, हो ना पाई मेरी ये ज़ुबाँ
जाना वही है मगर, जाने दे

बात क्या बताऊँ उस जहान की जहाँ पे खुशियाँ
बटती हो ऐसे की लगता बरकत सभी पर हुई है
तेरी बाँहों के नशे में यूँ घुलसा गया हूँ
की लगता है मंज़िल मेरी अब तुझीसे जुड़ीसी हुई है

मायूस बैठे हम यहाँ, गुमसुमसी शायद तु भी वहाँ
बेचैनियाँ है इधर तो जा कर बना वो मुक़म्मल जहाँ
बदल दे अपनी क़िस्मत, लिख दे तू अपनी दास्ताँ
जा कर वहाँ पर रंग दे तो पूरा आसमाँ

बाँहों में उसके बना ले तू अपना आशियाँ
जाना वही है अगर



Credits
Writer(s): Abhijeet Pathak
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