Taqleefein

सुन ज़रा, ये बता
क्यूँ ख़फ़ा दिल झाँकता?
आए थे ख़ाब में
दिलबरों का राबता

नींदों से जागे, पलकें सजा के
तुम को ही चाहें, ज़ालिमा
दर्द छिपा के, आँसू मिटा के
तुम से मिला है प्यार, हाँ

हैं तक़लीफ़ें, दे तरक़ीबें
तू ही वजह है, तू ही दवा
हैं तक़लीफ़ें, दे तरक़ीबें
तू ही वजह है, तू ही दवा

होना जुदा 'गर, हो जाएँगे
लेकिन जुदा होके मर जाएँगे
इश्क़ की सज़ा ना सह पाएँगे
सहते-सहते मर जाएँगे

होना जुदा 'गर, हो जाएँगे
लेकिन जुदा होके मर जाएँगे
इश्क़ की सज़ा ना सह पाएँगे
सहते-सहते मर जाएँगे

ना होना है जुदा, मेरे माहिया
इश्क़ अधूरा है मेरा, ओ, जानिया

नींदों से जागे, पलकें सजा के
तुम को ही चाहें, ज़ालिमा
दर्द छिपा के, आँसू मिटा के
तुम से मिला है प्यार, हाँ

हैं तक़लीफ़ें, दे तरक़ीबें
तू ही वजह है, तू ही दवा
हैं तक़लीफ़ें, दे तरक़ीबें
तू ही वजह है, तू ही दवा



Credits
Writer(s): Abhishek Gupta
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