Peer Meri Piya Jaane Na

सजदा करूँगी, जी-भर लड़ूँगी
जानूँ ना ये भी, क्या रो पड़ूँगी
पीड़ मेरी पिया जाने ना
पीड़ मेरी पिया जाने ना

तेरी बनूँ, तुझे अपना बना लूँ
क़दमों में तेरे खुद को बिछा दूँ
पीड़ मेरी पिया जाने ना

नैनों में जो सावन भर आया
पीर मेरा पिया बन आया

ए-री सखी, मंगल गाओ री
धरती-अंबर सजाओ री
उतरेगी पी की सवारी

ए-री कोई काजल लाओ री
मोहे काला टीका लगाओ री
उन की छब से दिखूँ मैं तो प्यारी

चोख पुरावो, मंगल गावो
आज मेरे पिया घर आवेंगे
आज मेरे पिया घर आवेंगे

मन की कहूँ, आज कुछ ना छुपाऊँ
नैनों से बाँधूँ, पिया
घोलूँ मैं खुद को यूँ, तुझ में मिला दूँ
खुद को भुला दूँ, पिया

पलकों में रख लूँ, जिया में छुपा लूँ
आज पिया, तोहे तोहसे चुरा लूँ
पीड़ मेरी पिया जाने ना

रूठा सावन लौट कर आया
आया, मेरा पिया घर आया

ए-री कोई काजल लाओ री
मोहे काला टीका लगाओ री
उन की छब से दिखूँ मैं तो प्यारी

ए-री सखी, मंगल गाओ री
धरती-अंबर सजाओ री
उतरेगी पी की सवारी



Credits
Writer(s): Traditional, Harpriet Singh Vig, Pooja Saini
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