Chanda

चंदा के आँचल से थोड़ी छाँव ले आएँगे
ख़्वाबों के तिनकों से ही घर अपना बनाएँगे
हँसते-गाते हर ग़म सह जाएँगे
हँसते-गाते हर ग़म सह जाएँगे

चंदा के आँचल से थोड़ी छाँव ले आएँगे
ख़्वाबों के तिनकों से ही घर अपना बनाएँगे

पाकर खोना, खोकर पाना, खेल है ये तो कुदरत का
खोज ही लेंगे हम भी एक दिन तारा अपनी क़िस्मत का
रोशनी से भी रोशन रातें होंगी उस कल की
आँखों में यूँ बंद कर लें हम खुशियाँ इस पल की

चंदा के आँचल से थोड़ी छाँव ले आएँगे
ख़्वाबों के तिनकों से ही घर अपना बनाएँगे
हँसते-गाते हर ग़म सह जाएँगे
हँसते-गाते हर ग़म सह जाएँगे

चंदा के आँचल से थोड़ी छाँव ले आएँगे
ख़्वाबों के तिनकों से ही घर अपना बनाएँगे



Credits
Writer(s): Palak Muchhal, Palaash Muchhal
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