Sare Jahan Se Achcha

सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुले हैं इसकी, ये गुलिसताँ हमारा

ये कौन है दीवाने जो खून के हैं प्यासे
अँधेरे हैं जहाँ में, कलियुग के हैं तमाशे
क्यूँ हमको ये दरिंदे सीने पे मारे गोली?

बहनों की लूटें अस्मत ये वहशियों की टोली
रोए खुदा हमारा, देखे जो ये नज़ारा

(हम बुलबुले हैं इसकी)
(हम बुलबुले हैं इसकी)
(हम बुलबुले हैं इसकी)



Credits
Writer(s): Bappi Lahiri, Sohan Bhatia
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