Tera Pur Shabab

तेरा पुर शबाब चेहरा
तेरी दिलरुबा अदाएँ

तेरा पुर शबाब चेहरा
तेरी दिलरुबा अदाएँ

मुझे डर सा लग रहा है, कहीं हम बहक ना जाएँ

तेरा पुर शबाब चेहरा
तेरी दिलरुबा अदाएँ

रुत बेक़रार सी है ये समाँ भी क्या समाँ है
बस एक ज़रा सा परदा तेरे-मेरे दरमियाँ है
फिर तेज़ हो रही है मेरी ज़िंदगी की धड़कन
लगता है आज मुझसे मेरा ही इम्तहाँ है

साँसों की बेबसी पर, आ मिल के मुस्कुराएँ
मुझे डर सा लग रहा है, कहीं हम बहक ना जाएँ

तेरा पुर शबाब चेहरा
तेरी दिलरुबा अदाएँ

कुदरत ने अपने हाथों से ख़ुद तुझे सँवारा
तुझे रेशमी दुपट्टे से कहाँ-कहाँ उभारा
जी चाहता है तुझको होंठों में बंद कर लूँ
अब क्या रुकेगी मुझसे हलचल की तेज़ धारा?

चुपचाप दूर रह कर, दिल के दीये जलाएँ
मुझे डर सा लग रहा है, कहीं हम बहक ना जाएँ

तेरा पुर शबाब चेहरा
तेरी दिलरुबा अदाएँ

मौसम ने ओढ़ ली है अब चाँदनी की चादर
और मैंने रख लिया है मजबूर दिल पे पत्थर
थोड़े से तुम नशीले, थोड़ा सा मैं नशीला
ये प्यार की हैं राहें, चलना ज़रा सँभल कर

कुछ मुझसे ले दुआएँ, कुछ मुझको दे दुआएँ
मुझे डर सा लग रहा है, कहीं हम बहक ना जाएँ

तेरा पुर शबाब चेहरा
तेरी दिलरुबा अदाएँ



Credits
Writer(s): Tapan, Jeetu, Pandit K
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