Aaj Zid (Jhankar)

आज ज़िद कर रहा है दिल
आज ज़िद कर रहा है दिल
करना है बस तुझे हासिल
आज ज़िद कर रहा है दिल
हो, मुझ में तू हो भी जा शामिल
आज ज़िद कर रहा है दिल

कहीं ख़ुद को मुझ में तू छोड़ जा, छोड़ जा
तेरे साथ मुझ को तू जोड़ जा, जोड़ जा
ये जो काँच के जैसी एक दीवार है
मेरी बाँहों में उसे तोड़ जा, तोड़ जा

ये जो एक अधूरापन है, एक-दूसरे से भर दे
जिसे उम्र-भर ना भूलें, वो लम्हें मिल जाएँ

मान ले मुझे तेरे क़ाबिल
आज ज़िद कर रहा है दिल
हो, मुझ में तू हो भी जा शामिल
आज ज़िद कर रहा है दिल

बेपनाह तुझ पे फ़िदा हूँ, बेपनाह तुझे चाहता हूँ
बेपनाह तुझे मानता हूँ, बेपनाह, बेपनाह
तू नशा, तू ख़ुमार, तेरा जुनूँ सर पे सवार
आज तू ख़ुद को मेरे यार, दे पिला, दे पिला

मुझे सिर्फ़ तेरी लगन है, उसे मिल के पूरा कर दे
मेरी इतनी सी है ख़्वाहिश, तेरा प्यार मिल जाए

बन भी जा तू मेरी मंज़िल
आज ज़िद कर रहा है दिल
हो, मुझ में तू हो भी जा शामिल
आज ज़िद कर रहा है दिल

आज ज़िद कर रहा है दिल

आज ज़िद कर रहा है दिल

(आज ज़िद, आज ज़िद...)

(आज ज़िद, आज ज़िद...)



Credits
Writer(s): Sayeed Quadri, Mithun Naresh Sharma
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