Juhi Jabse Tujhe Dekha

Juhi, जब से मैंने देखा तुझे राहों में
उसी पल तू ही आ गई निगाहों में
मन कहता, तुझे भर लूँ मैं बाँहों में
दिल रहता मेरा तेरी ही पनाहों में

तेरी आँखों का जादू छा गया
मेरी नींद खो गई
ना जाने ये मुझको क्या हुआ
अनहोनी हो गई

Juhi, जब से मैंने देखा तुझे राहों में
उसी पल तू ही आ गई निगाहों में
मन कहता, तुझे भर लूँ मैं बाँहों में
दिल रहता मेरा तेरी ही पनाहों में

तेरी आँखों का जादू छा गया
मेरी नींद खो गई
ना जाने ये मुझको क्या हुआ
अनहोनी हो गई

Juhi, जब से मैंने देखा तुझे राहों में
उसी पल तू ही आ गई निगाहों में
मन कहता, तुझे भर लूँ मैं बाँहों में
दिल रहता मेरा तेरी ही पनाहों में

वो रुत भी नशीली थी
वो शाम भी सुरीली थी
निगाहें जब मिली थीं
जूही की कली खिली थी

हवा जो पुरवाई थी
ज़ुल्फ़ें लहराई थीं
बदरिया छाई थी
बरखा तब आई थी

Juhi, जब से मैंने देखा तुझे राहों में
उसी पल तू ही आ गई निगाहों में
मन कहता, तुझे भर लूँ मैं बाँहों में
दिल रहता मेरा तेरी ही पनाहों में

बदन भीगा सारा था
अनोखा सा नज़ारा था
वो रुत का इशारा था
मैं दिल मेरा हारा था

वो सपना सलोना था
हुआ जो वही होना था
ये दिल का खिलौना था
मुझे तो इसे खोना था

Juhi, जब से मैंने देखा तुझे राहों में
उसी पल तू ही आ गई निगाहों में
मन कहता, तुझे भर लूँ मैं बाँहों में
दिल रहता मेरा तेरी ही पनाहों में

तेरी आँखों का जादू छा गया
मेरी नींद खो गई
ना जाने ये मुझको क्या हुआ
अनहोनी हो गई

Juhi, जब से मैंने देखा तुझे राहों में
उसी पल तू ही आ गई निगाहों में
मन कहता, तुझे भर लूँ मैं बाँहों में
दिल रहता मेरा तेरी ही पनाहों में



Credits
Writer(s): Devang Patel, Vinay Dave
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